शिष्टाचार
शिष्टाचार शब्द शिष्ट और आचार शब्द से मिलकर बना है। यहाॅ शिष्ट का आशय है। श्रेष्ठ तथा आचार का आशय है। आचरण से है।
श्रेष्ठ आचरण करने वाला व्यक्ति अपने व्यवहार से कभी किसी को कष्ट नही देता है। वह दूसरो को सुख सुविधा देने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। शिष्टाचार के पालन से व्यक्ति को आत्मसंतोष प्राप्त होता है। वास्तव मे शिष्टाचार व्यक्ति समाज और राष्ट्र के लिए भलाई एवं यश प्राप्ति की सीढी है। शिष्टाचार और धार्मिक सास्कृतिक और भौतिक उपलब्धियो की कुजीं हैं। अच्छे सभ्य और शिष्ट व्यवहार से समाज और देश का मान बढता है।
शिष्ट बच्चो के विषय मे कहा भी जाता है।
जो अपनो से सदा बडो का, आदर किया करते है।
पास बडो के आने पर जो, उठ सम्मान किया करते हैं
अतिथि जनो के घर आने पर जो सत्कार स्वयं किया करते है।
देव समझ अभिनन्दन करते वे बच्चे अच्छे लगते है।