खाटू श्याम मंदिर का इतिहास मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी,आरती

0

 

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी

प्रस्तावना

भारत एक धार्मिक और सांस्कृतिक देश है जिसमें हजारों मंदिर हैं, जो विभिन्न धर्मों को प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से एक है "खाटू श्याम मंदिर", जो राजस्थान, भारत के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हम खाटू श्याम मंदिर के इतिहास, महत्वपूर्ण कथाएं और लोगों के बीच जुड़े धार्मिक आयोजनों के बारे में जानेंगे।



KHATU SHYAM
BABA SHYAM 

आरती श्री खाटूश्यामजी की

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय॥
रतन जडि़त सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े॥ ॐ जय॥
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले॥ ॐ जय॥
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे॥ ॐ जय॥
झांझ कटोरा और घडिय़ावल, शंख मृदंग धुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे॥ ॐ जय॥
जो ध्यावे फल पावे, सब दुख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे॥ ॐ जय॥
श्री श्याम बिहारी जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत आलूसिंह स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय॥
तन मन धन सब कुछ है तेरा, हो बाबा सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा॥ ॐ जय॥
जय श्री श्याम हरे, बाबाजी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे॥ ॐजय॥




 श्याम बाबा की आरती की समय-सारणी

  • पट खुलने का समय : प्रात: 5:00 बजे
  • मंगल आरती : प्रात: 5:30 बजे
  • शृंगार आरती : प्रात: 7:45 बजे
  • भोग आरती : दोपहर 12:30
  • पट बंद होने का समय : दोपहर 1 बजे
  • पट खुलने का समय : सायं 4:00 बजे
  • ग्वाला आरती : सायं 7:00 बजे
  • शयन आरती : रात्रि 9:15 बजे
  • मंदिर बंद होने का समय रात्रि 9:30 बजे
  • विशेष अवसर पर समय परिवर्तन भी हो सकता है।



खाटू श्याम मंदिर का इतिहास

1. प्रारंभिक धार्मिक संबंध

खाटू श्याम मंदिर का इतिहास लगभग 350 वर्ष पुराना है। इसकी मूल नींव पंडित के भाई श्याम जी को माना जाता है, जो रजस्थान के ग्राम खाटू में निवास करते थे। इन्हें अपने धार्मिक विचारों के लिए बड़ा सम्मान और प्रेम था।

2. मंदिर का निर्माण

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण भगवान श्याम जी के भक्तों द्वारा किया गया था। इस मंदिर का निर्माण सम्राट अकबर के समय में हुआ था और यह वर्तमान में भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उपयुक्त है।

3. धार्मिक महत्व

खाटू श्याम मंदिर का महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत उच्च है। यहां आने वाले लाखों श्रद्धालु भक्ति भाव से भरी भजनों और कथाओं में खो जाते हैं। मान्यता है कि यहां प्रार्थना करने से भगवान श्याम जी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

4. श्रद्धालु आयोजन

खाटू श्याम मंदिर में विभिन्न धार्मिक आयोजन और महोत्सव हर साल आयोजित किए जाते हैं। मंदिर के आसपास भजन संध्या, रात्रि की आरती, और प्रसाद वितरण की विशेष व्यवस्था की जाती है।

5. संरक्षण एवं पर्यटन

खाटू श्याम मंदिर को अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य के लिए संरक्षित किया गया है। पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने इसे पर्यटन उद्यान के रूप में विकसित किया है।

6. खाटू श्याम मंदिर के कथा से जुड़े रहस्य

खाटू श्याम मंदिर के पीछे कई कथाएं और रहस्य हैं। इनमें से कुछ कथाएं प्राचीन ग्रंथों में वर्णित हैं जो इस मंदिर को और रोचक बनाती हैं।

7. धार्मिक पर्वों का आयोजन

खाटू श्याम मंदिर में विभिन्न धार्मिक पर्वों का भी आयोजन किया जाता है। इनमें से राधाष्टमी, जन्माष्टमी, नवरात्रि, और होली आदि विशेष महत्वपूर्ण हैं।

निष्कर्ष

खाटू श्याम मंदिर भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण हिस्से को प्रतिनिधित्व करता है और लाखों श्रद्धालु यहां प्रतिवर्ष आते हैं। यह मंदिर भक्तों को शांति और समृद्धि का अनुभव कराता है।

HARE KA SAHARA BABA SHYAM HAMARA
HARE KA SAHARA BABA SHYAM HAMARA

प्रेम मंदिर का इतिहास पूरी जानकारी हिंदी में प्रेम मंदिर का खुल ने समय इस प्रकार है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. खाटू श्याम मंदिर कहाँ स्थित है?

खाटू श्याम मंदिर राजस्थान, भारत में स्थित है। यह SEEKAR SE 20 DOORI में स्थित है।

2. मंदिर का निर्माण कब हुआ था?

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण सम्राट अकबर के समय में किया गया था। यह लगभग 350 वर्ष पुराना है।

3. मंदिर में किस पर्व का आयोजन सबसे धूमधाम से होता है?

मंदिर में राधाष्टमी का आयोजन सबसे धूमधाम से होता है। यह एक महत्वपूर्ण पर्व है जो भगवान श्याम जी को समर्पित है।

4. मंदिर का भ्रमण किस महीने करें?

खाटू श्याम मंदिर का भ्रमण सर्दी के महीनों में न करें। अप्रैल से सितंबर तक का समय मंदिर का भ्रमण करने के लिए उपयुक्त होता है।

5. क्या मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी अनुमति है?

हां, मंदिर में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की अनुमति है। लेकिन आपको धार्मिक भाव से यह काम करना चाहिए और दूसरे श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।



Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)