पद्य साहित्य का विकास रचना परिभाषा एवं उदाहरण सहित हिंदी ग्रामर

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पद्य साहित्य का विकास
//व्याकरण//
प्रष्नः-1  आधुनिक कविता के विकास क्रम को कितने युगो में बाॅटा गया है।
उत्तर - काल समय 
भारतेन्दु युग - सन 1856 से 1900 तक 
द्विवेदी युग - सन 1900 से 1920 तक 
छायावादी युग - सन 1920 से 1936 तक
प््रागतिवादी युग - सन 1936 से 1943 तक 
प्रयोगवादी युग - सन 1943 से 1950 तक 
नई कविता सन 1950 से आज तक 
प्रष्नः-2  वीरगाथा काल की विषेषताए  लिखिए।
उत्तर - वीरगाथा काल की निम्नलिखित विषेषताए है
1. वीर रस की प्रधानता 
2. आश्रय दाताओ की प्रधानता एवं यष ज्ञान 
3. इतहासिक घटनाओ का चित्रण 
4. श्रंगार रस के साथ साथ अन्य रसो की प्रधानता 
5. संजीव युग का वर्णन 
प्रष्नः-3 वीरगाथा काल के प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाए लिखिए
उत्तर - कवि   रचनाएॅ
चन्द्रवरदायी - पृथ्वीराज रासो 
नरपति नाह - वीसल देव रासो 
दानपति विजय - खुमान रासो 
विद्यापति - कीर्ति लता 
खुसरो - खुसरो की पहेलिया 
प्रष्नः-4 भक्ति काल किसे कहते है इसकी विषेषताए लिखिए
उत्तर -परिभाषा- भक्तिकाल में अधिकतर कवियो ने भगवान की भक्ति से ओढ-प्रोढ होकर भगवान श्री कृष्ण और श्रीराम के प्रति कविताये लिखि इस को भक्ति काल कहते है। 
विषेषताएः-
1. साकार में एवं निराकार ब्रम्ह जी 
2. रहस्यवाद कविता का प्रारम्भ 
3. समस्त काव्य षैलियो का प्रयोग 
4. उध्यात्मिकता औश्र सदाचार की प्रणय 
5. प्रेम और सौन्दर्य का चित्ररण 
प्रष्नः-5 भक्ति काल कितने भागो मे बाॅटा गया है। 
उत्तर - भक्ति काल को दोे भागो मे बाॅटा गया है
1. सगुण भक्ति धारा 2.  निर्गुण भक्ति धारा 
प्रष्नः-6 निर्गुण भक्ति धारा को कितने भागो में बाॅटा गया है।
उत्तर - निर्गुण भक्ति धारा को दो भागो में बाॅटा गया है
1. ज्ञानमार्गी षाखा 2.  प्रेममार्गी षाखा 
प्रष्नः-7 सगुण भक्ति धारा को कितने भागो में बाॅटा गया है।
उत्तर- सगुण भक्ति धारा को दो भागो में बाॅटा गया है
1. रामभक्ति षाखा 2.  कृष्णभक्ति षाखा 
प्रष्नः-8 निर्गुण भक्तिधारा  के ज्ञानमार्गी षाखा के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएॅ   लिखिए ।
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
कबीरदास - बीजक 
रैदास  - रैदास के पद 
सुन्दरदास  - सुन्दर विलास  
गुरूनानक देव  - गुरूवाणी  
प्रष्नः-9 प्रेममार्गी षाखा के प्रमुख कवि ओर उनकी रचनाए लिखिए
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
जायसी - बीजक 
  कुतवन - पदमावत 
उसमान - चित्रावली 
मझंन - मधु मालती 
प्रष्नः-10 सगुण भक्ति धारा के राममार्गी षाखा के प्रमुख कवि ओर रचनाए लिखिए 
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
रसखान - रसखान की सवैया 
तुलसीदास - रामचरित्रमानस 
रहीम - दोहीवली ष्
स्वामी अग्रदास - राम ध्यान मन्जरी 
प्रष्नः-11 कृष्ण मार्गी  षाखा के प्रमुख कवि ओर रचनाए लिखिए 
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
मीराबाई - मीरा के पद
सूरदास - सूरसागर , सूरासारावली 
नरोत्मदास - सुदामा चरित्र 
रसखान - प्रेम वाटिका
प्रष्नः-12 भारतेन्दु युग की विषेषताए लिखिए
उत्तर - 1. देष प्रेम की रचनाए के माध्यम से राष्ट्रिता की भावनाओ का विकास 
2. सामाजिक चेतना का विकास 
3. अंग्रेजी षिक्षा का विकास 
4. विभिन्न काव्य भावो का प्रयोग 
5. राष्ट्रीय भावना ,भक्ति भावना , प्रकृति चित्रण का प्रयोग 
प्रष्नः-13 भक्ति काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग कहा जाता है। 
उत्तर -कविता में जगतनियता जीवन मानवता के स्वर्ण भूजने लगे इन तत्वो के प्रकाष में इस युग जिस नीति काव्य की रचना हुई है उसमे सामाजिक सदाचार का मार्ग प्रषास्त किया इस काल में राजनैतिक सस्कृतिक सामसजिक और धार्मिक सभी क्षेत्रो का विकास हुआ उत्कर्ष साहित्य लेखन,समाज,सुधार सार्कता आदि के कारण ही इस काल को हिन्दी साहित्य का भक्तिकाल कहा जाता है।
प्रष्नः-14 प्रगतिवादी किसे कहते है इसकी विषेषताए लिखिए 
उत्तर - परिभाषा - प्रगतिवाद का अर्थ है आगे बढना तथा जो विचार धारा हमे   आगे बढने की प्रणा देती है उसी को हम प्रगतिवाद कहते है जो समाज मे   व्यस्त व्यर्थ आडम्बर परम्पराओ को समाप्त कर समानता का बल देती हैै।
विषेषताए-
1. इस काव्य में रूढीवादी विचार धाराओ का जमकर विरोध किया गया है
2. प्रगतिवाद काव्य में षोषण के प्रति घृणा तथा षोषित बर्ग के प्रति दया एवं करूणा का भाव प्रदर्षित किया गया है 
3. इस काव्य में नारी को पुरूष के सम्मान अधिकार दिलाने तथा इस बंधन से युक्त कराने का प्रयास किया गया है 
4. नारी के प्रति आधार भाव प्रकट  किया गया है। 
प्रष्नः-15 प्रगतिवादी कवियो के नाम एवं रचनाऐ लिखिए 
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
सूर्यकान्तत्रिपाठी निराला - कुकुरमुता
रामधारीसिह दिनकर - करूक्षेत्र 
सुमित्रानन्दन पंत - युगवाणी 
केदारनाथ अग्रवाल - फूल नही रंग बोलते है। 
प्रष्नः-16 प्रयोगवादी किसे कहते है एवं विषेषताए लिखिए 
उत्तर -परिभाषा - यह कविता जिसमे प्रयोग के नाम पर भाव विचार प्रतिक्रिया अंलकार आदि सभी में परिवर्तन किया जाता है उसे प्रयोगवाद कहते है।
विषेषताए-
1. प्रयोगवादी कवियो ने पुराने एवं प्रचलित उपमानो के स्थान पर नवीन उपमानो का प्रयोग किया है।
2. जीवन के वास्तविक रूप का अर्थात चित्रण प्रस्तुत किया है। 
3. भाव विचार छन्द अंलकारो को में नवीन प्रयोग किया है ।
4. नई नई भाषाओ का मिश्रिक रूप से दिखाया गया है।
5. इस युग की कविता ह्रदय की न होकर मस्तिक की देन है।
प्रष्नः-17 प्रयोगवादी कवियो के नाम एवं रचनाऐ लिखिए
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
धर्मवीर भरती - अन्धायुग
सर्वेस्वर दयाल सक्सैना - एक सूनी नाव 
गिरजा कुमार माथुर - धूप की धान 
गजानन्द माधव मुक्ति बोध - चाॅद का मुह टेडा
प्रष्नः-18 छायावाद किसे कहते है एवं विषेषताए लिखिए 
उत्तर -परिभाषा -जब परमात्मा की छाया आत्मा पर पडती है और आत्मा की छाया परमात्मा लगे तो हम उसी छाया को छायावादी कहते है।
विषेषताए-
1. छायावादी कवियो ने अपनी कविताओ मे और कहानियो मे नारी की सुन्दरता का वर्णन किया हैै
2. छायावादी कवियो नंे प्रकृति की सुन्दरता का वर्णन किया है। 
3. छायावादी कवियो ने आलौगिक प्रेम का वर्णन किया है। 
4. छायावादी कवियो ने वेदना और निराषा की भावना का चित्रण किया है। 
5. छायावादी काव्य मे नवीन छन्दो का अंलकारो का प्रयोग किया गया है। 
प्रष्नः-19 छायावादी कवियो के नाम एवं रचनाऐ लिखिए
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
महादेवी वर्मा - नीरजा 
सुमिन्त्रानन्दन पंत - युगवाणी 
जयषंकर प्रसाद - कामायनी 
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला - परिमल 
प्रष्नः-20 प्रयोगवादी और प्रगतिवादी काव्य मे अन्तर लिखिए
उत्तर-
प्रयोगवादी प्रगतिवादी
इनमे जीवन के प्रति यर्थातवादी दृष्टि कोण की प्रधानता है। इनमे जीवन के प्रति यर्थातवादी दृष्टि कोण है।
काव्य में नवीन विम्बयोजना एवं नये षब्दो का प्रयोग हुआ है। काव्य में साधारण बोल चाल की भाषा का प्रयोग किया है।
इसमे कुण्डलो और वाचनाओ को चितरित किया गया है। इसमे रूढी वादी विचार धाराओ का प्रयोग किया गया है। 
मध्यम वर्ग के आक्रोष को दर्षाया गया है। षोषित वर्ग के प्रति सहानभूति दर्षाई गई है। 

प्रष्नः-21 नई कविता की विषेषताए
उत्तर- 1. प्रयोेग में नवीनता 2. अनूभूतियो का वास्तविक चित्रण 3. नई कविता के     हरक्षण को सत्य कहलाती है 4. नई कविता की वाणी अपने परिवेष के    जीवन के अनुभव पर आधारित है 5. नई कविता में लघुमानक को        स्वीकार करती है।
प्रष्नः-22 नई कविता के  कवियो के नाम एवं रचनाऐ लिखिए
उत्तर -   कवि रचनाएॅ
भवानीप्रसाद मिश्र - सन्नाटा 
जगदीश गुप्त - नाव के पाव 
युक्ति बोध - चाॅद का मुह टेढा 
धर्मवीर भरती - अन्धायुग 
प्रष्नः-23 छायावादी और रहस्यवादी में अन्तर लिखिए
उत्तर -
छायावादी रहस्यवादी
इसमे हम अपनी ही आत्मा के दर्षन करते हैै। इसमे हम ईष्वर की आभा के दर्षन करते है।
इसमे कल्पना की प्रधानता होती है। इसमे चिन्तन की प्रधानता होती है। 
इसमे भावना की प्रधानता होती है। इसमे ज्ञान और बुद्धि की प्रधानता होती हैं
यह काव्य प्रकृति मूलक है। यह काव्य दर्षानिक मूलक है। 
इसमे प्रमुख कवि सुमित्रानन्दन पंत और महादेवी वर्मा है। इसके प्रमुख कवि राजकुमार वर्मा और जयषंकर प्रसाद है। 

प्रष्नः-24 रहस्यवादी किसे कहते है इसके प्रमुख कवियो के नाम एवं रचनाऐ   लिखिए
उत्तर- परिभाषा:- वेदो मे उषा ,मेघ, सर्ता आदि के वर्णन में अव्यक्त परमात्मा के स्वरूप को लक्ष्य किया गया है। यह प्रकृति और जगत का रहस्यवाद कहलाता है।
  कवि रचनाएॅ
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला - अनामिका 
जयषंकर प्रसाद - झरना 
सुमित्रानन्दन पंत - वीणा
महादेवी वर्मा - नीरजा  
प्रष्नः-25 रहस्यवाद की विषेषताये लिखिए 
उत्तर -1. विरह वेदना की अभिव्यक्ति 2. इसमे चिन्तन की प्रधानता है 3.     इसकी प्रकृति दार्षिनिक मूलक है 4. इसमे ज्ञान और बुद्धि की प्रधानता     है 5. इस कविता मे अप्रस्तुत योजना की नूतनता है। 
प्रष्नः-26 रीतिकाल का परिचय दीजिए 
उत्तर - रीतिकाल का श्रंगार काल भी कहते है इस काल मे चरण और भान्तो के द्वारा अपने आश्रय दाताओ की प्रषंसा युद्ध आखेट का वर्णन नारी की सुन्दरता का चित्रण लक्ष्य ग्रथो की रचना इस काल मंें प्रमुख रूप से हुई है। इस काल की रचनाओ को रीति ग्रन्थ कहा जाता है।
प्रष्नः-27 रीतिकाल कीे प्रमुख विषेषताए कवियो के नाम एवं रचनाऐ लिखिए
उत्तर -1. इस काल के लक्षण ग्रन्थो की रचना प्रमुख रूप से हुई है 2. कविता में     श्रंगार रस की प्रधानता है 3. नायका के नक सिक का वर्णन 4.     ब्रजभाषा का प्रयोग 5. प्रकृति का अधिपन रूप का चित्रण।
कवि रचनाएॅ
विहारी - विहारी सतसई 
केषवदास - राम चन्द्रिका 
भूषण - षिवा बावनी 
पद्माकर - जगत विनोद 

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