सच्चाई का जमाना नहीं रहा
झूठा प्यार झूठी बातें झूठ के सिवा कुछ जाना नहीं है क्योंकि लोग कहते हैं साहब सच्चाई का जमाना नहीं है। हर बात में तेरी मेरी हर काम मं फेरा फेरी ईमानदारी से किसी को कमाना नहीं है। क्योंकि लोग कहते हैं साहब यहां प्यार बाजार में बिकता है। दिल का दिलदार न दिखता है। सच्चे प्यार का मतलब किसी से जाना नहीं है। क्योकि कस्में बादे किसी को निभाना नहीं है क्योंकि झूठी हंसी घ्ूठी मुस्कान झूठे आंसू भी बहाये जाने है सच्चाई को चेहरे पे किसी को लाना नहीं है क्योंकि तब दर्द बहुत ही होता है दिल बारःबार रोता है। धोखा हमको को भी मिलता है तब लोग हमसे कहते क्योंकि सच्चाई को किसी जाना नहीं है। सच ही जीतता है हमेषा इस बात को हमने क्यों मानानहीं है। जहां सच हैवहां प्यार है जहां स?च है वहां ऐतवार है सच ही मन्दिर सच ही भगवार सव की ताकत को हमने अभी जाना नहीं है। अब बदलोगे इस सोच को तुम की आजकल सच्चाई का जमाना नहीं है।