सभी लेखको के जीवन परिचय एवं भाषा शैली व साहित्य में स्थान
1. भाषा - आपकी भाषा सरल सुबोध और भाव भरी है जिस प्रकार उद्धान में रंग बिरंगे फूल से उद्धान की षोभा मे चार चाॅद लगते है लग जाते है उसी प्रकार आप के गद्य में कहावतो, मुहावरो , लोक्तियो के प्रयोग से चार चाॅद लग जाते है आपने अपनी भाषा मे तत्सम षब्दो का प्रयोग किया है और आवष्यता अनुसार उर्दू , फारसी तथा संस्कृत आदि अन्य भाषाओ के षब्दो के प्रयोग मे संकोख् नही किया है।
2. भाषा षैली- आपकी धारा वाई व श्रुटियो षैली मे विविधिता के दर्षन होतंे हैं अपने वर्णात्मक ,भावात्मक , विचारात्मक तथा समीक्षात्मक ष्षैली का प्रयोग किया है आपके गंम्भीर मौलिक विचारो से आपकी कहानी और जीवनियो में रोचकता उत्पन्न हो गई है।
3. साहित्य में स्थान - आपका हिन्दी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है विषम की विविधता सरलता के लिए आप सदैव सम्मानीय एवं स्मरणीय रहेगे है।
लेखक - रचनाए
1. आचार्य रामचन्द्र षुक्लजी - चिन्तामणि विचार वीभी ,त्रिवेणी,रस, मीमींष, हिन्दी साहित्य का इतिहास आदि
2. षरद जोषी - तिलिस्म, पिछले दिन ,परिक्रमा ,अन्धो का हाथी , किसी बहाने आदि
3. डाॅ रघुवीरसिह - सप्तदीप ,बिखरे फूल, जीवन कण, षेष स्मृतिया आदि
4. डाॅ सुरेष षुक्लचन्द्र - स्वप्न का सत्य , कामाकथा ,सर्मपण ,प्रायष्चित आदि
5. प्ंा. रामनारायण उपाध्याय - आमपल्लव चर्तुचिडियाॅ, हम तो बाबुल तेर बाग की चिडिया है।