सभी छंद उदाहरण सहित ग्रामर हिंदी

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//छन्द//

प्रश्नः-1 छन्द किसे कहते है।

उत्तर- कविता की स्वयंभावित गति का नियम बृद्धरूप छनद कहलाता है इसमे           वर्ण, मात्रा, यति, गति, तुक आदि का ध्यान रखा जाता है।

प्रश्नः-2 छन्द कितने प्रकार के होते है।

उत्तर- छन्द दो प्रकार के होते है 1. माात्र्रिक छन्द 2.वार्णिक छन्द

       माात्र्रिक छन्द- जिन छन्दो मे गणना मात्राओ द्वारा आधर पर की जाती है         उसे मात्र्रिक छन्द कहते है। जैसे- सोर्ठा, दोहा ,चैपाई, छप्पय छन्द आदि।

  वार्णिक छन्द - जिन छन्दो में गणना वर्णो के आधार पर की जाती है।

प्रश्नः-3 कक्ति छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

उत्तर- यह एक वर्णिक छन्द है इसमे चार चरण होते है प्रत्येक चरण में 16 ओर        15 के विराम से 31 वर्ण होते है अन्त चरण में गुरू होंता है



उदाहरण - सच्चे हो पुजारी प्यारे तुम प्रेम मन्दिर के ।

           उचित नही है तुम्हे दुःख से करायना ।।

           करना पडे जो आम्तत्याग अनुराग बस ।

           तो तुमे संहर्ष निज भाग की सराहना ।।

प्रश्नः-4 सवैया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

उत्तर- यह एक वर्णिक छन्द है इसमे चार चरण होते है प्रत्येक चरण 22 से लेकर        26 वर्ण होते है।

उदाहरण - षेष महेष दिनेष गणेष जाहि निरंतर ध्यावे जाहि।

अनादि अनन्त परिहारे तक तउ पुनि पार जाहि ।।

अनादि अनन्त अछेद, अभेद, सुवेद पार न पावे ।

अहीर की छोहरिया छछिया भरि छाछ पर नाथ नचावे।।

प्रश्नः-5 दुर्मिल सवैया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

उत्तर- यह एक वर्णिक छन्द है इसमे चार चरण होते है प्रत्येक चरण 24 वर्ण होते        है। इसे चन्द्रकला नाम से भी जानते है।

उदाहरण - इसके के अनुरूप कहे किसको वह  कौन सुदेष सुम्मुन्त है।

           हमसे सुर लोह समान इसे उनका अनुमान असंगत है।।

           कवि गोविन्द्र बखान रहे है सबका अनुभूमि मत यही है।

           उपमान विहीन रचा बिधि ने बस भरत के सम भारत है।।

प्रश्नः-6 मन्तगमन्द सवैया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

उत्तर- यह एक वर्णिक छन्द है इसमे चार चरण होते है प्रत्येक चरण 28 वर्ण होते        है।

उदाहरण - दुलय भी रघुनाथ बने दुलहि सिय सुन्दर मन्दिर माही।

           गावति गीत से मिलि सुन्दरी वेद जुवा जुरि विप्र पढाही ।।

           राम का रूप निहारत जानकी कंकन के नख नग पर परिछायी ।

           याती सवे सुधि भूलि गयी कर टेकि रही पल टारत नाही ।।

प्रश्नः-7 छप्पय छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

उत्तर- रोला उल्लाला के संयोग के संयोग से छप्पय छन्द बनता है इसमे प्रथम          चार चार चरण रोला के तथा अतिंम दो चरण उल्लाला के होते है प्रथम            चार चरणो में 11 और 13 के विराम से कुल 24 मात्राए तथा अतिम दो            चरणो मे 15 और 13 के विराम से कुल 28 मात्राए होती है।

उदाहरण राला - नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर हैै ।

                सूर्य चन्द्र युग मुकुट मेखला रत्नाकर है ।।

                नदियाॅ प्रेम प्रवाह फूल तारे मण्डल है।

                बन्दीजन खग वृद षेष फल सिहासन है।।

उदाहरण उल्लाला  - करते अभिषेक पयोद है बलिहारी इस भेष की ।

                हे मातृभूमि तू सत्य ही सगुण मूर्ति सर्वेष की ।।

प्रश्नः-8 कुण्डलिया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए

उत्तर- इसके छः चरण होते है प्रथम दो चरण दोहा के तथा अतिंम चार चरण           रोला के होते है।

उदाहरण दोहा-गुन के गाहक सहसनर बिनु गुन लहे न कोय।

              जैसे कागा कोकिला सवद सने सव कोय।।

उदाहरण रोला -सवद सुने सब कोय कोकिला सबे सुहावन ।

               दोउन को रंग काग सब गुने अपावन।।

             कह गिरधर कविराय सुनो हो ठाकुर मन के।

             विनु गुन लहै न कोय सहसनर गाहक गुन के ।।

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